Constitution Day ( 26 November )
‘संविधान दिवस’
जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के नागपुर इकाई ने संविधान दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाईन संगोष्टी का आयोजन किया।डाॅक्टर, वकिल, प्रध्यापक और ऐसे अन्य क्षेत्र से मान्य अध्ययन केंद्र के नागपुर इकाई की अध्यक्षा पूर्व न्यायाधीश मीरा खड्कार इन्होन संभोधन करते हुये बताया की, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है।
29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिती की स्थापना हुई, जिसमें अध्यक्ष के रूप में डाॅ. भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डाॅ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थें। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, जिनमें 15 महिलाए भी शामिल थी। इसके पश्चात 26 जनवरी को भारत का संविधान अस्तित्व में आया। इसे पारित करने में 2 वर्ष , 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। संविधान लागू होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे, जो वर्तमान में बढकर 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो गए है। साथ ही इसमें पाच परिषिश्ठ भी जोड दिए गए हैं, जो कि प्रांरभ में नही थे। अब तक 124 संविधान विधेयक संसद में लाये गये हैं जिनमें से 103 संविधान संशोधन विधेयक पारित होकर संविधान संशोधन अधिनियम का रूप ले चुके है। 124 वां संविधान संशोधन विधेयक 9 जनवरी 2019 को संसद अनुच्छेद 368 (संवैधनिक संशोधन) के विशेष बहुमत से पास हुआ, 8 अगस्त 2016 को संसद ने वस्तु और सेवा कर पारित कर 101;(GST) वाॅं संविधान संशोधन किया।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से प्रभावित तथा विष्व में सर्वश्रेश्ठ मानी जाती है। प्रस्तावना के माध्यमा से भारतीय संविधान का सार, अपेक्षाएं, उद्देष्य असका लक्ष्य तथा दर्शन प्रकट होता है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ती सीधे जनता से प्राप्त करता है इसी कारण यह ‘हम भारत के लोग’ इस वाक्य से प्रारम्भ होती है।
मीरा खड्कार इन्होंने भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढकर बताया की ये प्रस्तावना, भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगो के बीच भाई चारें को बढावा देती है।
अभिनंदन पळसापूरे, जम्मु कश्मीर अध्ययन केंद्र के सचिव इन्होेन सभी मान्यवर का आभार माना और संविधान दिवस की बधाई दी।
अभिनंदन पळसापूरे
सचिव,
मोबाइल: 770911222
दिनांक: 26 नवम्बर 2020